कबीर खड़े बाज़ार में, मांगे सबकी खैर,

ना काहू से दोस्‍ती, न काहू से बैर |

Welcome to the Kabirpanth

इतिहास में चमत्कारिक अद्भुत घटनाएँ तभी घटती हैं, जब एक ज्ञानी गुरु और विवेकी चेला का मिलन होता है।
कबीरपंथ, जिसमें सदगुरु कबीर साहेब के ज्ञान और धनी धर्मदास साहेब के विवेक का मिलन है, यह अद्वितीय पंथ है जो सदगुरु कबीर के महान उपदेशों पर आधारित है। यह एक प्रकार की मानवतावादी सोच का प्रतीक है, जिसमें सत्य, सदाचार, और प्रेम के मूल्यों का महत्वपूर्ण स्थान है l यह एक ऐतिहासिक उदाहरण है कि जब ज्ञान और विवेक मिलते हैं, तो अद्भुत चीजें सम्भव होती हैं और मानवता का मार्ग प्रशस्त होता है।

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Belief

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Principle

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Teachings

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Rituals

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Dharmdas Saheb Vanshavali

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मुक्तामणी नाम साहेब

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सुदर्शन नाम साहेब

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कुलपति नाम साहेब

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प्रमोध गुरु बालापीर नाम साहेब

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केवल नाम साहेब

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अमोल नाम साहेब

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सुरति सनेही नाम साहेब

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हक्क नाम साहेब

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पाकनाम साहेब

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प्रगट नाम साहेब

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धीरज नाम साहेब

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उग्रनाम साहेब

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दयानाम साहेब

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गृन्धमुनि नाम साहेब

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प्रकाशमुनि नाम साहेब

कबीरपंथ की सांस्कृतिक विरासत तथा महत्वपूर्ण स्थल

सदगुरु कबीर साहब एवं उनके अधिकारी शिष्य धनी धर्मदास जी साहब एवं वंशगुरु गद्दी से जुड़े अनेक तीर्थ स्थल कबीरपंथ की सांस्कृतिक विरासत के रूप में देश के विभिन्न भागों में विद्यमान है। ये ऐतिहासिक स्थल आज भी सदगुरु कबीर साहब के परमज्ञान की आभा बिखेरते हैं तथा परम शांति के लिये श्रद्धालु भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।


लहरतारा

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कबीर प्राकट्य स्थली लहरतारा- -कबीर चौरा काशी से लगभग ४ किमी. उत्तर पश्चिम में लहरतारा नामक स्थान है। सद्गुरु कबीर साहब वि.सं. १४५५ ज्येष्ठ पूर्णिमा दिन सोमवार को इस लहरतारा में कमल पुष्प पर प्रगट होकर नीरू और नीमा को मिले थे। सद्गुरु कबीर साहब का प्र...

नीरू टीला, कबीर चौरा, काशी

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काशी के कबीर चौरा क्षेत्र में स्थित यह बाबा नीरू और माता नीमा का समाधि स्थल नीरू-टीला के नाम से प्रसिद्ध है। सद्गुरू कबीर साहेब के पालक पिता बाबा नीरू और माता नीमा जुलाहा दम्पत्ति थे। सद्गुरु कबीर साहेब का प्रागट्य लहरतारा काशी में होता है। वहां से आ...

कबीर बड़

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यह घना वटवृक्ष ही कबीर बड़ कहलाता है। गुजरात के भरूच जिले में अंकलेश्वर के निकट शुक्लतीर्थ के पास नर्मदा नदी की दो धाराओं के बीच स्थित छोटे से टापु पर अपनी मनोरम छटा बिखेरता यह वटवृक्ष सद्गुरु कबीर साहेब की महिमा का हृदय खोल कर गुणगान कर रहा है। इसका...

कबीर कोठा

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गुजरात की द्वारिका के विश्व प्रसिद्ध द्वारिकाधीश मंदिर के समीप ही समुद्र तट पर सद्गुरू कबीर साहेब के यहां आगमन की स्मृति में बना है यह स्मारक कबीर कोठा । इसी जगह पर बने बालू रेती के टीले पर बैठ कर सतगुरू ने कई दिनों तक अपनी अमृतमय वाणी का रस पान यहां...

बाँधवगढ़

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कबीरपंथ की उदभव स्थली बाँधवगढ़ — यह स्थल मध्यप्रदेश राज्य के उमरिया जिलान्तर्गत उमरिया रेल्वे स्टेशन से रींवा रोड पर ग्राम ताला के पूर्व दिशा में बांधवगढ़ किले के परकोटे में स्थित है। यह कबीर पंथियों के लिये धार्मिक एवं ऐतिहासिक महत्व का स्थान है। गं...

कबीर चबूतरा अमरकंटक

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कबीर चबूतरा अमरकंटक - मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य की सीमा पर वनों से आच्छादित पहाड़ियों के ऊपर स्थित अमरकंटक एक मनोरम प्राकृतिक तीर्थ स्थल है । यहाँ पर नर्मदा नदी का उद्गम स्थल भी है। यहाँ कपिलधारा नामक जल प्रपात है जहाँ काफी ऊँचाई से पानी गिरता है...

मगहर

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मगहर- -मगहर उत्तरप्रदेश के बस्ती जिले में गोरखपुर से लगभग - २५ किमी. दूर स्थित एक गांव है। यह कबीर साहब का अर्न्तध्यान स्थल कहलाता है । यह विश्व का एकमात्र ऐतिहासिक स्थल है जो आज भी हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है । यहाँ आमी नदी के किनारे एक ही स्था...

कबीर चौरा मठ जगन्नाथपुरी

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कबीर चौरा मठ जगन्नाथपुरी —– जगन्नाथपुरी मंदिर के दक्षिण में बालीशाही स्वर्गद्वार के पास जगत प्रसिद्ध कबीर चौरामठ अवस्थित है। सदगुरु कबीर साहब सद्धर्म प्रचार करते हुए वि.सं. 1569 में इस स्थान पर आये और कुछ समय यहाँ रहकर सत्यपंथ का प्रचार प्रसार किया। ...

मुक्तामणि धाम कुदुरमाल

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मुक्तामणि धाम कुदुरमाल - यह मठ छत्तीसगढ़ के कोरबा जिला में हसदेव नदी के किनारे स्थित है। इसकी स्थापना कबीर पंथ के प्रथम आचार्य चूरामणि नाम साहब के द्वारा वि.सं. 1579 में हुई थी। सदगुरु कबीर साहब के आशीर्वाद से वि.सं. 1570 में बांधवगढ़ में कबीरपंथ की ...

सुदर्शन धाम रतनपुर

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सुदर्शन धाम रतनपुर — रतनपुर कबीरपंथ के द्वितीय आचार्य सुदर्शननाम साहब की तपोभूमि रही है। उनकी समाधि तथा तपोभूमि का दर्शन करना प्रत्येक कबीरपंथी अपना अहोभाग्य समझता है। हैहयवंशी कल्चुरी राजा रत्नसेन ने छत्तीसगढ़ की राजधानी के रूप में रतनपुर को बसाया। ...

कबीर बाड़ा मण्डला

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कबीर बाड़ा मण्डला यह मठ नर्मदा नदी के किनारे मण्डला (म.प्र.) के महात्मा गांधी वार्ड में स्थित है । वंशगुरु गद्दी के चतुर्थ पंथ गुरु प्रमोदगुरु साहेब एक बार पंथ प्रचार करते हुए जमात के साथ नर्मदा नदी के किनारे मंडला में रूके । मण्डला के स्थानीय गोण्ड ...

धमधा

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केवल नाम साहब कुछ वर्ष साहब बाड़ा मण्डला में रहने के पश्चात वहाँ योग्य पुजारी नियुक्त कर पंथ प्रचार करते हुए दुर्ग जिला के धमधा नामक ग्राम में पहुँचे तथा भक्तों की श्रद्धा एवं भाव देखकर इसी ग्राम में गुरुगद्दी स्थापित कर २५ वर्ष तक पंथ प्रचार एवं गद्...

सिंघोड़ी

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सिंघोड़ी— मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिलान्तर्गत सिघोड़ी नामक ग्राम कबीरपंथ के सातवें वंशाचार्य पंथ श्री सुरति सनेही नाम साहब की तपोस्थली है तथा वहीं पर उनकी समाधि वि.सं. 1853 में हुई। आज यह समाधि मंदिर कबीरपंथियों की पूजा स्थली के रूप में विद्यमान है...

कबीरधाम कवर्धा

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कबीर पंथ के चार वंशाचार्यों क्रमशः हक्कनाम साहेब, पाक नाम साहेब, प्रगटनाम साहेब एवं धीरजनाम साहब की समाधियाँ कबीर पारा, कबीरधाम (कवर्धा) में ही है । इस कारण कवर्धा कबीर पंथियों की पूज्य स्थली के साथ-साथ ऐतिहासिक धरोहर भी है। यहाँ पर हक्कनाम साहब की स...

दामाखेडा

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कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा —कबीर धर्मनगर दामाखेडा रायपुर- बिलासपुर राष्ट्रीय मार्ग-200 (एन एच 200 ) नेशनल हाइवे पर सिमगा तहसील से 10 किमी. की दूरी पर स्थित है । कहने को तो दामाखेड़ा एक ग्राम है परन्तु कबीरपंथ की वंशगुरु गद्दी का प्रधान केन्द्र (मुख्यालय)...

Services Provided

अस्पताल

दीन-दुखी, असहाय, निर्बल लोगों के लिए पंथ श्री गृन्धमुनि नाम साहेब स्मृति चिकित्सालय का उद्घाटन माननीय मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ अजीत जोगी जी द्वारा 16 फरवरी सन 2003 को किया गया था। इस चिकित्सालय में ओ.पी.डी., 30 बिस्तरों का जनरल वार्ड, 5 बैंड का प्रसूति वार्ड, आपरेशन थियेटर, एक्स-रे, सोनोग्राफी, पैथालॉजी जांच तथा सर्जिकल आपरेशन कुशल चिकित्सकों द्वारा किया जाता है।
गरीब असहाय वर्ग के लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा भी प्रदान की जाती है। चिकित्सालय द्वारा एम्बुलेंस सुविधा भी लोगों को उपलब्ध है।

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आये हो कबीर थिर हंस के दुलारे हो | माघ मेला 2023 Highlights | कबीर धर्मनगर दामाखेड़ा

पंथ श्री हुजूर प्रकाशमुनि नाम साहेब प्रवचन जयपुर राजस्थान 2012 l Kabir Dharmdas Vanshavali

सद्गुरु कौन हैं...? प्रवचन | पंथ श्री हुजूर प्रकाशमुनि नाम साहेब | माघ मेला दामाखेड़ा- 02/02/2023

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कबीर सागर में वर्णित अदभुत रहस्य कथा

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सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की परमसत्ता के मालिक (पूर्ण गुरु) सदगुरु कबीर साहब

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जीवों की गुहार सुनकर कबीर साहेब का सत्यलोक से आगमन

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वंश ब्यालीस गुरुओं पास ही मुक्ति भेद (सार शब्द )

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